राशियों की क्रूरादी संज्ञादि एवं लिंग ---दो प्रकार से किया गया हैं:
1.विष्मसंख़्यक क्रमांक ,क्रूर,पुल्लिंग एवं ओज राशीयां।
2.समसंख्यक क्रमांक, सौम्य, स्त्रीलिंग एवं युग्म राशियां
1.'विष्मसंख़्यक क्रमांक ','क्रूर,''पुल्लिंग 'एवं 'ओज राशीयां'-- द्वादश रााशियो में से छ: राशि जिसमें से मेष, मिथुन ,सिंह तुला ,धनु एवं कुंभ राशियों को 'विषमसँख्यक, 'क्रूर ', 'पुल्लिंग ' एवं 'ओज राशियां 'कहलाती हैं।
'विष्मसंख़्यक क्रमांक ','क्रूर,''पुल्लिंग 'एवं 'ओज राशीयां' के गुण एवं उपयोग-:निम्न प्रकार से है:
*पुरुष राशियों में उत्पन्न जातक तेजस्वी एवं बलादि पौरुष गुणों से युक्त होता है ।
* पुरुष , क्रूर एवं ओज राशियों में लग्न,लग्नेश, चंद्रमा ,नवांश-नवांशेश हो, तो जातक ओजस्वी ,साहसी और पुरुषार्थी होता है ।
*गर्भावस्था के समय माता पिता के दशानाथ-अन्तर्दशानाथ आदि की स्त्री -पुरुष राशियों में स्थिति के आधार पर आधार पर भी भ्रूण के लिंग निर्धारण किया जाता हैं।
* पुरुष जातक की कुंडलियों में अधिकाधिक ग्रह पुरुष संज्ञक राशियों में शुभ माने जाते हैं।
*प्रश्न कुंडली में राशियों के लिंग से चोर,भ्रूण भ्रूण आदि के लिंग के बारे में जाना जाता हैं क्रूर राशि से उत्पन्न जातक क्रूर स्वभाव वाला होता है।
*पुरुष ग्रह पुरुष संज्ञक या क्रूर राशियों में बली माने जाते हैं ।
*'रुद्रभट की मान्यता है 'कि सभी पदार्थों में क्रूर एवं सौम्य राशि का प्रभाव होता है ।उसके अनुसार क्रूर राशि के पदार्थ राशि खुरदरे या कठोर होते है।
2.'समसंख्यक क्रमांक', 'सौम्य', 'स्त्रीलिंग' एवं 'युग्म राशियां'---द्वादश रााशियो में से छ: राशि जिसमें से वृषभ, कर्क ,कन्या,वृश्चिक ,मकर एवं मीन राशियों को 'समसंख्यक क्रमांक ' ,' सौम्य ','स्त्रीलिंग 'एवं 'युग्म राशियां 'कहलाती हैं।
'समसंख्यक क्रमांक', 'सौम्य', 'स्त्रीलिंग' एवं 'युग्म राशियां' के गुण एवं उपयोग-:निम्न प्रकार से है:
*स्त्री राशि में उत्पन्न जातक मृदु स्वभाव का होता है।
*स्त्री,सौम्य एवं युग्म राशियों में लग्न, लग्नेश, चंद्रमा ,नवांश-नवांशेश हो तो जातक सौम्य ,सुखी ,एवं भोगी होता है।
*स्त्री राशियों में उत्पन्न जातक में स्त्री गुणों की अधिकता होती हैं ।
*गर्भावस्था के समय माता पिता के दशानाथ-अन्तर्दशानाथ आदि की स्त्री -पुरुष राशियों में स्थिति के आधार पर आधार पर भी भ्रूण के लिंग निर्धारण किया जाता हैं।
* स्त्री जातक की कुंडलियों में अधिकाधिक ग्रह स्त्री संज्ञक राशियों में शुभ माने जाते हैं।
* प्रश्न कुंडली में राशियों के लिंग से चोर,भ्रूण भ्रूण आदि के लिंग के बारे में जाना जाता हैं।
*सौम्य राशि से उत्पन्न जातक सौम्य स्वभाव वाला होता है
*स्त्री संज्ञक स्त्री राशियों में बलि माने जाते हैं।
* 'रुद्रभट की मान्यता है 'कि सभी पदार्थों में क्रूर एवं सौम्य राशि का प्रभाव होता है ।उसके अनुसार के सौम्य राशि के पदार्थ मृदु एवं सौम्य होते हैं ।
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