Breaking

Monday 20 June 2022

कन्या के शीघ्र विवाह और मनचाहा पति पाने के उपाय (Remedies for early marriage of girl child and getting desired husband)

                     Remedies for early marriage of girl child and getting desired husband

          




कन्या के शीघ्र विवाह और मनचाहा पति पाने के उपाय (Remedies for early marriage of girl child and getting desired husband):-प्रत्येक माता-पिता को जब लड़की या कन्या जवान हो जाती हैं, तो उनको अपनी लड़की के विवाह की चिंता सताने लग जाती हैं, की लड़की का विवाह समय पर व उत्तम घराने में हो जायें। प्रत्येक माता-पिता की चाहत होती हैं, लड़की या कन्या को सुन्दर व सुयोग्य पति मिल जावें और उसकी गृहस्थी में किसी भी तरह की रुकावट या बाधा नहीं आवें। जैसे-जैसे लड़की या कन्या की उम्र बढ़ती जाती हैं, तब उनको और चिंता होने लगती हैं। वे अपने करीबी व दूर के रिश्तेदारों को अपने लड़की या कन्या के लिए सुयोग्य वर की खोज करने के लिए कहते हैं। इस लड़कियों के लिए सुयोग्य एवं अच्छे संस्कारी पति को खोजने में बहुत ही दिक्कतों को झेलना पड़ता हैं। इसी चक्कर में और ग्रहों के बुरे प्रभाव में लड़कियों का विवाह समय पर नहीं हो पाता हैं और उनको सुयोग्य वर की प्राप्ति नहीं हो पाती हैं। इस तरह की प्रवृत्ति का कारण लड़की की जन्मकुंडली में स्थित ग्रहों का बुरे प्रभाव होना होता हैं। लड़की का विवाह समय पर नहीं होने के कारणों को प्राचीन काल के ज्ञाताओं ने जन्म कुण्डली में स्थित ग्रहों व भावों की बुरी स्थिति में होने के कारण माना हैं, जन्मकुण्डली में बनने वाले देरी से विवाह के कारणों को उन्होंने बताया हैं। उन कारणों को जानकर उनका समाधान करके लड़की का शीघ्र विवाह करवा सकते हैं।  





जल्दी विवाह का समय:-जिन लड़कियों की जन्मकुंडली के सप्तम भाव पर अच्छे ग्रह के द्वारा देखा जाता है और अच्छे ग्रह सप्तम भाव में बैठे होते हैं।





विवाह कारक शुक्र ग्रह जन्म कुण्डली में मजबूत व बलवान हो, तो




अथवा जब लड़की की उम्र अठारह से बीस वर्ष के आसपास हो जाएं और उस समय उनकी जन्मकुण्डली में शुक्र ग्रह की महादशा-अंतर्दशा चल रही होती है, उनके विवाह में किसी भी तरह की रुकावट नहीं आती हैं और समय पर विवाह होकर सुयोग्य पति मिल जाता है।

 



लड़कियों का समय पर विवाह व पति का नहीं मिलने के कारणों के लिए हमे आज से कुछ वर्षो पूर्व की सामाजिक व्यवस्थाओं-मान्यताओं को देखना पड़ेगा। उस समय संयुक्त परिवार प्रथा व जजमानी प्रथा हुवा करती थी। (इसमें राव-भाट घर का पण्डित आते थे)। ये लोग जजमान के लड़के के लिए लड़की व लड़की के लिए लड़का की खोज का काम करते थे।




आधुनिक समय में व्यक्तियों की एकल चलो प्रवृत्ति होने से जजमानी प्रथा समाप्त हो गए है।




विलंब या देरी से विवाह होना के कारण:-जिन लड़कियों या कन्याओं की जन्मकुंडली के सप्तम भाव और सप्तमेश दोनों ही बुरे ग्रहों के प्रभाव आकर कमजोर स्थिति में होते हैं।




मांगलिक योग के कारण विवाह में देरी होना:-लग्न कुण्डली व चन्द्रकुण्डली के लग्न या पहला भाव, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम तथा द्वादश भावों में से कोई भी भाव में कोई भी पाप ग्रह (सूर्य, मंगल, शनि, राहु, केतु) बैठा होने पर पति प्राप्ति में देरी होती है, क्योंकि ऐसी जन्मकुण्डली को मांगलिक कुण्डली कहते है। मांगलिक लड़कियों का विवाह देरी से ही होता है।



 

विलंब या देरी से विवाह होना का समय:-जिन लड़कियों की जन्मकुंडली में मांगलिक योग या दोष बनता हैं, उनके विवाह में देरी होती हैं, इस तरह उचित समय पर विवाह न होकर लड़की के 25, 27, 29, 31, 33 या 35 वर्ष तक कि उम्र के आसपास तक विवाह हो पाता हैं, जिससे उनको आत्मग्लानि होने लगती हैं और अपने गृहस्थी जीवन का अच्छी तरह से आनन्द नहीं ले पाती हैं।




लड़कियां शीघ्र विवाह और सुयोग्य पति पाने हेतु करें उपाय:-जिन लड़कियों की उम्र ढलती जा रही हैं और उनकी शादी में देरी हो रही हैं, उनको अपनी शादी जल्दी करवाने और अपने लिए सुयोग्य पति की कामना की पूर्ति के हेतु निम्नलिखित उपाय को करना चाहिए-




★मां भगवती (पार्वती) का हमेशा पूजा करने से या प्रत्येक प्रदोष को पूरा श्रृंगार के साथ विधिपूर्वक पूजा करना चाहिए। पूजा के समय निम्न मन्त्र की पांच माला का जाप करने से लड़कियों को सुयोग्य पति की जल्दी प्राप्ति होती हैं।




★कात्यायनी देवी या पार्वती देवी की फोटो को सामने रखकर उनकी विधिपूर्वक पूजा करना चाहिए और निम्न मंत्रो की एक माला का हमेशा जाप करने से लड़कियों को जल्दी एवं सुंदर पति की प्राप्ति होती है।




"कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि।


नन्दगोपसुतं देवि पतिं में कुरु ते नमः।।'




★तुलसी के पौधे का हमेशा विधिपूर्वक पूजन करके उसके सामने बैठना चाहिए। उसके बाद नीचे लिखे मन्त्र की एक माला का जाप करना चाहिए। फिर तुलसी की 12 बार परिक्रमा करनी चाहिए। प्रत्येक परिक्रमा में दूध और पानी से सूर्य भगवान को अर्ध्य देते हुए नीचे लिखे मन्त्र का जाप करने से उत्तम पति की प्राप्ति जल्दी होती हैं।




"ऊँ देवेन्द्राणी नमस्तुभ्यं देवेन्द्र प्रियभामिनी।


विवाहं भाग्य मारोग्यं शीघ्र लाभं च देहिमे।।"




विवाह कारक शुक्र को बल देने:-के लिए निम्नलिखित विधि करना चाहिए:




1.लड़की के हाथ से दो शीशियां बराबर आकार की लेकर एक शीशी में गंगाजल और दूसरी शीशी में कच्चा दूध लेकर उन दोनों शीशियों को भर देना चाहिए।




2.दूध से भरी शीशी को किसी एकांत सुनसान जगह पर गाड़ देना चाहिए। उस जगह पर किसी मानव का पैर नहीं पड़े ऐसी जगह होनी चाहिए। दूसरी गंगाजल से भरी शीशी को हरे-भरे या खेत-बगीचा में गाड़ देना चाहिए 




3.दोनों शीशियों को एक ही दिन में सूर्य उदय से सूर्य अस्त के बीच में गाड़ने का काम करना चाहिए।




ऊपर वाली विधि एवं मंत्रों में जितना विश्वास एवं आस्था होगी, उतनी ही जल्दी काम सफल होगा इस विधि को गुप्त रूप से करना चाहिए और किसी को नहीं बताकर व बिना किसी टाल-मटोल से करना चाहिए।


No comments:

Post a Comment