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Monday 16 November 2020

वृृृषभ जन्म लग्न राशि वालों का फल

 

वृषभ जन्म लग्न राशि वालों का फल

राशि परिचय- : भचक्र की द्वितीय राशि वृृृषभ आकृति में बैल के समान , पृथ्वीतत्व, स्थिर, रजोगुणी, स्त्रीलिंग, रात्रि बली, दक्षिण दिशा स्वामिनी, जमीन-जायदाद एवं धन-दौलत के मध्य निवास करने वाली, मनमोहिनी एक शुभ राशि है। प्रतिवर्ष अंग्रेजी तिथि के 20 अप्रैल के आसपास सूर्य के इस राशि में प्रवेश करता है और 20 मई तक रहता है। इसका विस्तार 30°अंश से 60°अंश है। शुक्र इस राशि का स्वामी ग्रह है। मंगल इसका शत्रु ग्रह हैं।चन्द्रमा की यह उच्च राशि हैं। शनि,बुध,मंगल,सूर्य शुभ फलदायी, भाग्यशाली और गौरव बढ़ाने वाले कारक ग्रह हैं।अकेला शनि, शनि +बुधयुति या शनि+सूर्य सफलयोग हैं।

शारीरिक बनावट-:   इस लग्न राशि में जन्में जातक या जातिका मध्यम कद वाले, सुंदर, आकर्षक और बलवान होते हैं। उनका चेहरा गोल, आंखें चमकदार और बड़ी-बड़ी, होठ मोटा, रंग गेहुआं, अंगुली या गाल पर तिल या मस्से का निशान होता है। बाल गहरे और काले होते हैं, शरीर पूर्ण रूप से विकसित,सन्तुलित और सुगठित होता है। 

स्वभाव और मनोवृत्ति-: इस लग्न राशि मे जन्में जातक या जातिका स्वभाव से शांत, सौम्य, विनम्र, दयालु, हँसमुख, सिद्धती, ईमानदार, विश्वासपात्र और आत्मनिर्भर होते हैं। किंतु स्थिर मन वाले, महत्वाकांक्षी, घमण्ड करने वाले, आलसी, ईष्या करने वाले, कमख़र्च करने वाले होते हैं।उतेजित होने पर शांत करना मुश्किल, सुख-सुविधा से जीवन जीने के इच्छुक, कर्तव्यपरायण, चरित्रवान,सहनशील, आज्ञापालक और प्रयत्नशील होते हैं।

स्वास्थ्य और रोग-:   इस लग्न राशि मे जन्में जातक या जातिका का स्वास्थ्य उत्तम होता है, किंतु जब बीमार हो जाते हैं तो ठीक और स्वस्थ होने में समय लगता है। कठोर परिश्रमी और साथ में कामुक भी होते हैं। अतः जनेन्द्रिय रोग, मूत्र रोग, नेत्र रोग, दाँत एवं गले के रोग, डायबीटिज, पेट के रोग यथा गैस दर्द, कब्ज आदि हो जाते हैं। इस कारण इस लग्न राशि में जन्में जातक या जातिका को हार्टअटैक अधिक और हार्टअटैक से मृत्यु भी अधिक होती हैं। 

विवाह और परिवार-: वृषभ लग्न राशि में जन्में जातक या जातिका का विवाह अनुकूल समय आने पर करते हैं।वैवाहिक जीवन सुखी और प्रेम बिना छल वाला होता है।बिना मतलब के वाद-विवाद और झगड़े से दूर रहते है ।माता-पिता का सम्मान करते हैं। कन्या सन्तान की अधिकता, सौन्दर्य के प्रेमी, अल्पभाषी, भोग विलास की वस्तुओं में अधिक रुचि,नृत्य और संगीत के प्रेमी हैं।

नौकरी या व्यवसाय-: नौकरी से अच्छा व्यवसाय को समझते हैं। शिक्षित होकर भी संगीत और नृत्य को महत्व देते हैं। कला के प्रेमी, राजनेता, अभिनेता या संगीतकार हो सकते हैं। सौन्दर्य प्रसाधन, हीरे जवाहिरात, श्रृंगार, सजावट के समान, फैशन की वस्तुओं के व्यवसाय को अपना सकते हैं। कृषि, बागवानी, कपड़े, रेडीमड़, कपड़े, होटल,रेस्टोरेंट और बैंकिग का धंधा भी कर सकते हैं।

महत्वपूर्ण और शुभ-: वृषभ लग्न राशि में जन्में जातक या जातिका के भाग्योदय कारक वर्षों में 28,36,42,48 वें वर्ष और अन्य वर्षों में 15,24,33,51,60,69,78 वें वर्ष महत्वपूर्ण हैं।

दिनों में सोम, बुध और शनिवार शुभ वार हैं।

अंको में 7,8,9 शुभ अंक हैं।

शुक्र नीच या अस्त होने की स्थिति में हीरा धारण करना लाभकारी रहेगा। चन्दन की जड़ी या माला घर में रखने से भी श्री बनी रहती हैं।सामान्यत: रामायण का पाठ करते रहना चाहिए। विशेष रूप से रामायण के सुंदर काण्ड का पाठ करना अधिक लाभकारी रहता है।

मैत्री सम्बन्ध एवं सावधानियाँ- : वृषभ लग्न राशि वाले जातक या जातिका को कन्या, मकर लग्न राशि वाले व्यक्तियों से मैत्री सम्बन्ध रखना लाभकारी होगा। कर्क, वृश्चिक, मीन राशि वालों से सम्बन्ध ठीक रहता हैं। शारीरिक मेहनत कम और मानसिक कार्य ज्यादा करे , क्रोध ना करें, धन की लालसा अधिक न करें और सदैव सन्तोषी रहे।

वृषभ लग्न राशि में जन्में व्यक्ति-: भगवान श्री कृष्ण, संत ज्ञानेश्वर, लता मंगेशकर, महाराजा सवाई जयसिंह, और महारानी विक्टोरिया आदि।

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