सप्तम भाव में राशियों का फल :-
1. मेष राशि :- जन्म कुंडली के सप्तम भाव में यदि मेष राशि हो, तो जातक की पत्नी कठोर, चंचल स्वभाव वाली,पापकर्म में अनुरक्त, निन्दनीय, लालची एवं अधिक साध्य होती है।
2. वृषभ राशि :- जन्म कुंडली के सप्तम भाव में यदि वृषभ राशि हो, तो जातक कि पत्नी सुंदर दांतों वाली, विनम्र,शांत स्वभाव वाली,पतिव्रता,आचारवती,गुणवती लज्जा से युक्त, ब्राह्मणों एवं देवताओं की भक्त् होती हैं।
3. मिथुन राशि :- जन्म कुंडली के सप्तम भाव में यदि मिथुन राशि हओ,तो जातक की पत्नी धनवती एवं आचरणव्रती, रूपवती, सर्वगुण संपन्ना, नवीन वेश धारण करने वाली एवं शौर्यहीना होती हैं।
4. कर्क राशि :- जन्म कुंडली के सप्तम भाव में यदि कर्क राशि हो, तो जातक की पत्नी सुंदर, सौभाग्यशालिनी, गुणवती, सरल स्वभाव वाली, कलंकहिना एवं सुंदर मिलाप वाली होती हैं।
5. सिंह राशि :- जन्म कुंडली के सप्तम भाव में यदि सिंह राशि हो, तो जातक की पत्नी तीखे स्वभाव वाली,चँचल, दुष्ट स्वभाव वाली,वेशभूषा से रहित, दूसरे के घर में आसक्ति रखने वाली, अधिक खाने वाली, अल्पपुत्रों से युक्त एवं कमजोर होती है।
6. कन्या राशि :- जन्म कुंडली के सप्तम भाव में यदि कन्या राशि हो, तो जातक की पत्नी सुंदर शरीर वाली, पुत्र से रहित,भाग्यवती, धनवती, न्याय युक्त ,मधुरभाषिनी, सत्यात्मा एवं प्रतिभाशालिनी होती हैं ।
7. तुला राशि :- जन्म कुंडली के सप्तम भाव में यदि तुला राशि स्थित हो, तो जातक की पत्नी गुण एवं अहंकार से युक्त, अधिक प्रयत्न करने वाली, विक्रय में आसक्त, धर्मात्मा, सुंदर रीति से तपश्चर्या में क्लेश सहने वाली, अधिक पुत्रों वाली, प्रसिद्ध एवं विनम्र होती हैं।
8. वृश्चिक राशि :- यदि जन्म कुंडली के सप्तम भाव में वृश्चिक राशि स्थित हो, को तो जातक की पत्नी कलाओं से युक्त,लोभी,खराब शरीर वाली,नम्रता से हीन,दुर्भाग्यशालिनी एवं अनेक दोषों से युक्त होती हैं।
9. धनु राशि :- जन्म कुंडली के सप्तम भाव में धनु राशि हो, तो जातक की पत्नी पुरुषाकृति वाली,निष्ठुर,भक्ति भाव एवं न्याय से हीन, शांत स्वभाव वाली, सुखी एवं बुद्धिहीना होती हैं।
10. मकर राशि :- यदि जन्म कुंडली के सप्तम भाव में मकर राशि स्थित हो, तो जातक की पत्नी दुष्ट एवं एच्भाव से रहित, लाजवंती एवं अभिमानी होती हैं
11. कुंभ राशि :- यदि जन्म कुंडली के सप्तम भाव में कुंभ राशि स्थित हो, तो जातक की पत्नी स्थिर स्वभाव वाली, पति के कार्यों में चतुर, देवताओं एवं ब्राह्मणों की सेवा करने वाली और शंका से युक्त होती हैं।
12. मीन राशि :- यदि जन्म कुंडली के सप्तम भाव में मीन राशि स्थित हो, तो जातक की पत्नी विकारों से युक्त, खराब बुद्धि वाली, पुत्रों वाली,अधार्मिक आचरण करने वाली, नम्रता से रहित एवं कलाओं से हीन होती हैं।
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