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Monday 2 November 2020

अष्टम भाव में राशियों का फल



अष्टम भाव में राशियों का फल :-


1. मेष राशि :- जन्म कुंडली के अष्टम भाव में यदि मेष राशि हो, तो जातक अधिक धनी होने पर पर भी दुःखी होकर परदेश में गरीब होता है और भजन के समय दुष्टों की कथा का स्मरण करने वाला होता है।


2. वृषभ राशि :- जन्म कुंडली के अष्टम भाव में वृषभ राशि हो,तो जातक का कफजन्य रोगों से हास्य-प्रमाद से अथवा रात्रि में पशु या प्रसन्न लोगों के आश्रय से घर में गरीब होता है।


3. मिथुन राशि :- जन्म कुंडली के अष्टम भाव में मिथुन राशि हो, तो जातक का नीच लोगों की संगति से अथवा स्नेह से अथवा गुदा के रोग से अथवा रस के उतपत्ति से अथवा मधुमेह की बीमारी से मरण होता है।


4. कर्क राशि :- जन्म कुंडली के अष्टम भाव में कर्क राशि स्थित हो, तो जातक का जल के उत्पाद से, कीटाणुओं से, भय से अथवा दूसरों के हाथों से परदेश में  मृत्यु होती है।


5. सिंह राशि :- जन्म कुंडली के अष्टम भाव में कर्क राशि स्थित हो, तो जातक की बिच्छू आदि से,सर्प से, वन में चोर से अथवा पशु के कारण मृत्यु होती हैं।


6. कन्या राशि :- जन्म कुंडली के अष्टम भाव में यदि कर्क राशि स्थिति हो, तो जातक की अपने मन में स्त्रियों की हिंसा से, दूषित आसन से अथवा स्त्री के कारण अपने घर में मृत्यु होती हैं।


7. तुला राशि :- यदि जन्म कुंडली के अष्टम भाव में तुला राशि स्थित हो, तो जातक की मनुष्य से, यदि रात्रि जन्म  हो, तो उपवास से अथवा गिरने पर देरी से मृत्यु होती है।


8. वृश्चिक राशि :- यदि जन्म कुंडली के अष्टम भाव में यदि वृश्चिक राशि स्थित हो तो स्थित हो, तो जातक की मुखजन्य रोगों से, कीड़ो के रोगों से अथवा अपने स्थान पर विष आदि से मृत्यु होती हैं।


 9. धनु राशि :- जन्म कुंडली के अष्टम भाव में यदि धनु राशि स्थिर हो, तो जातक की धनुष के आघात से, गुप्त रोगों से, नशा आदि से अथवा दूषित स्थान पर स्थित पशु के कारण मृत्यु होती हैं।


 10. मकर राशि :- जन्म कुंडली के अष्टम भाव में यदि मकर राशि स्थित हो, तो जातक विद्वान, सम्मानित एवं गुणों से युक्त, कामुक, वीर, बड़ी छाती वाला, शास्त्रार्थ का ज्ञाता एवं समस्त कलाओं में प्रवीण होता हैं।


11. कुंभ राशि :- यदि जन्म कुंडली के अष्टम भाव में यदि कुंभ राशि स्थित हो, तो जातक की घर में अग्नि से, अनेक ऋणों से,प्रमेह आदि रोगों से अथवा दूसरों की सेवा में परिश्रम करने से मृत्यु होती हैं।


12. मीन राशि :- यदि जन्म कुंडली के अष्टम भाव में मीन राशि स्थित हो, तो जातक का अतिसार रोग से, कष्टों से,पित्त ज्वर से, जल के कारण, खून की कमी से अथवा शस्त्र से मृत्यु होती हैं।

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