राशियों के तत्त्व :- पंचमहाभूत तत्त्वों में से राशियों को चार (अग्नितत्त्व ,पृथ्वी तत्त्व, वायु तत्त्वऔर जल तत्त्व) तत्त्वों में बाँटा गया हैं। जो निम्नानुसार हैं
राशियों के तत्त्व
तत्त्व | राशियाँ |
---|---|
अग्नि तत्त्व | मेष,सिंह,धनु(1,5,9) |
पृथ्वी तत्त्व | वृषभ,कन्या,मकर(2,6,10) |
वायु तत्त्व | मिथुन,तुला,कुम्भ(3,7,11) |
जल तत्त्व | कर्क,वृश्चिक,मीन(4,8,12) |
राशियों के तत्त्वों के उपयोग :- निम्नलिखित हैं
● अपने तत्त्व के अनुसार राशियाँ फल प्रदान करती हैं।
●दशम भाव में जिस तत्त्व की राशि होती है अथवा दशमेश या दशम नवांशेश जिस तत्त्व की राशि में स्थित होता हैं, वह तत्त्व प्रधान क्षेत्र ही जातक का कर्मक्षेत्र होता हैं।
●एकादश भाव में जिस तत्त्व की राशि होती है अथवा एकादशेश जिस राशि स्थित होता हैं, उसके तत्त्व की वस्तुओं या क्षेत्रों से जातक को लाभ होता हैं।
●पृथ्वी तत्त्व की राशियाँ अचल सम्पति की प्राप्ति होती हैं।
● अग्नि तथा वायुतत्त्व की राशियों में परस्पर मित्रता होती हैं।
● पृथ्वी एवं जल तत्त्व की राशियों में भी मित्रता होती हैं।
● अग्नि तत्त्व एवं जल तत्त्व पृथ्वी तत्त्व तथा वायु तत्त्व में पारस्परिक शत्रुता होती हैं।
● जिस तत्त्व का ग्रह है,यदि वह तत्त्व या उसके मित्र तत्त्व की राशि में स्थित हो,तो अनुकूल रहता हैं।
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