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Monday 16 November 2020

तुला जन्मलग्न राशि वालो की विशेषताऐ

  


तुला जन्मलग्न राशि वालो की विशेषताऐ

राशिपरिचय-:भचक्र की सप्तम राशि में तुला आकृति में तुला अर्थात तराजू के समान वायुतत्व, रजोगुणी, उष्ण, चर, पुरुषलिंगी, विषम, क्रूर,दिनबली,शीर्षोदयी,पश्चिम दिशा स्वामिनी,ऊँचाईयों और खुले स्थानों पर रहने वाली, सन्तुलन बनाये रखने वाली, न्यायमूर्ति शुभ राशि हैं। प्रतिवर्ष अंग्रेजी महीने की 23 सितम्बर की तिथि के आस-पास सूर्य इस राशि में प्रवेश करता है और 22 अक्टूबर तक रहता हैं।इसका विस्तार180°अंश से 210°अंश तक हैं। सूर्य,चन्द्रमा,शुक्र और शनि विशिष्ट कारक ग्रह है। शुक्र इस राशि का स्वामी ग्रह हैं। मंगल इसका शत्रु है। शनि की उच्च तथा सूर्य की नीच राशि हैं। अकेला शनि या चन्द्रमा+शनि या बुध+शनि या शुक्र+शनि या चंद्रमा+बुध या बुध+गुरू युति योग सफल योग है।

शारीरिक बनावट-: तुला लग्न राशि में जन्में जातक या जातिका कद में औसत से कुछ लंबे स्थूलकाय एवं तीखे नाक-नक्श वाले, सुंदर व गोरा रंग वाले, चेहरा आगे से उभरा हुआ ,नेत्र नीले व चमकीले और नाक सीधी होती हैं। वह हंसमुख होते हैं और हंसते समय गाल में गड्ढे पड़ते हैं। फलस्वरूप  चितवन आकर्षक लगती हैं। काले बाल होते हैं। चलने की गति तीव्र(तेज) होती है। वाणी में मिठास होती हैं। सम्मुख बैठे व्यक्ति को मोह लेते हैं। 

स्वभाव मनोवृति-: तुला लग्न राशि में जन्में जातक या जातिका स्वभाव से विनम्र, दयालु, उदार, आशावादी, प्रसन्नचित्त,न्यायप्रिय व अनुशासप्रिय,कल्पनाशक्ति के धनी, बुद्धिमान, दूरदर्शी, ईमानदार, मिलनसार, वयावहारकुशल,लोकप्रिय, श्रृंगार और सौंदर्य के शौकीन, कामुक, समस्याओं को हल करने की क्षमता वाला, प्रत्येक कार्य सोच समझकर करने वाला और रहन-सहन का ढंग रईसी होता हैं। जातक या जातिका क्रोधी, आक्रामक, निडर और सदैव सावधान वह सतर्क रहते हैं। देश-विदेश में भ्रमणशील,सत्यवादी,परोपकारी,धीर एवं गंभीर होते हैं।

स्वास्थ्य एवं रोग-:तुला लग्न राशि में जन्में जातक या जातिका सामान्यत: स्वस्थ रहते हैं किंतु दिनचर्या में परिवर्तन करते रहने से बीमार भी हो जाते हैं। शुक्र के निर्बल होने की स्थिति में अथवा नीचस्थ सूर्य के तुला राशि में आने या होने पर जनेन्द्रिय रोग, गुर्दे के रोग, कमर व रीढ़ की हड्डी के रोग हो सकते हैं। छोटी-छोटी बीमारियां यथा जुकाम, खांसी, बुखार, पीलिया आदि हो सकते हैं।

विवाह और परिवार-:तुला लग्न राशि में जन्में जातक या जातिका का विवाह कम आयु में ही हो जाता है ।जीवन साथी को पूरा प्यार देते हैं। निष्ठावान व वफादार होते हैं। अतः दांपत्य जीवन सुखदायी होता है। परिवार में मिलजुल कर रहने की प्रवृत्ति होती है। पिता के प्रति श्रद्धा होती हैं। संतान के प्रति स्नेह रखते हैं। सौंदर्य प्रसाधनों का अधिक उपयोग करते हैं। दिखावे के प्रदर्शन में विश्वास करने से आर्थिक स्थिति प्रवाहित होती हैं। वैराग्य की भावना विकसित होती हैं। जीवन का मोह त्याग देते हैं।

नौकरी या व्यवसाय-: तुला लग्न राशि में जन्में जातक या जातिका का रुझान नौकरी की ओर कम और व्यवसाय की और बहुत अधिक होता है। अतः सौंदर्य प्रसाधनों यथा इत्र, सैंट, कशीदाकारी, कढ़ाई बुनाई, खिलौने, रेडीमेड वस्त्र आदि का व्यवसाय कर सकते हैं। रेस्टोरेंट, होटल आदि खोल सकते हैं। इंटीरियर, डेकोरेटर, संगीतकार, अभिनेता बन सकते हैं। राजनीति में जा सकते हैं। उच्च पद ग्रहण कर सकते हैं और विश्व में नाम होता है।

महत्वपूर्ण एवं शुभ-: तुला लग्न राशि में जन्में जातक या जातिका के जीवन के भाग्योदय कारक वर्षों में 25, 27, 32, 33,35 वें वर्ष तथा अन्य महत्वपूर्ण वर्षों में 24,42,51,60,69,78 वें वर्ष प्रमुख है।

वारों या दिनों में रविवार सोमवार मंगलवार बुधवार और शनिवार शुभ वार हैं।

रंगों में सफेद और लाल रंग सर्वाधिक शुभ है। 

अंको में 1, 2,4,7 अंक शुभ है। 

इस लग्न राशि के व्यक्तियों के लिए हीरा या सफेद मोती पहनना आर्थिक स्थिति की शुढृढ़ता के लिये शुभ है। प्रतिदिन हनुमान जी के दर्शन और गायत्री मंत्र का स्मरण करते रहने से शुभता बनी रहती हैं। परिवार सुखी रहता है।

मैत्री संबंध और सावधानियाँ-: तुला लग्न राशि में जन्में जातक या जातिका का मेष,मिथुन,कुम्भ लग्न राशि वाले व्यक्तियों से मैत्रीपूर्ण संबंध बनाये रखना श्रेयस्कर व लाभकारी होता है। कार्यों में आसानी बनी रहती हैं  स्टार्च युक्त भोजन करें। कामुकता पर नियंत्रण रखें। शारीरिक श्रम अधिक ना करें। पूर्ण आराम लें एवं इससे सुख शांति मिल सकती है  

तुला लग्न राशि में जन्में व्यक्ति-: बादशाह जहांगीर, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, गोपाल कृष्ण गोखले, महात्मा गांधी, माधवराव सिंधिया, जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर और नेता जोसेफ स्टालिन आदि हैं।


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