राशियों का निवास स्थान :- राशियाँ नैसर्गिक रूप से जहाँ निवास करती हैं,वह उनका निवास स्थान कहलाता है ।यह सामान्यत: राशि की आकृति पर आधारित हैं। राशियों का निवास स्थान निम्नानुसार है:
1.मेष राशि :- धातु कर(धातुओं की खान) एवं रत्न भूमि।
2.वृषभ राशि :- कृषि भूमि,गौशाला,जंगल।
3.मिथुन राशि :- जुआघर, रतिगृह, विहार स्थल।
4.कर्क राशि :- तालाब, बावड़ी, नदी तट।
5.सिंह राशि :- सघन पर्वतों की गुफा एवं वन।
6.कन्या राशि :- हरियाली से युक्त भूमि, वधूरति स्थान ,शिल्प भूमि।
7.तुला राशि :- बाजार।
8.वृश्चिक राशि :- पत्थर, जहरीले जंतुओं का बिल प्रदेश।
9.धनु राशि :- घोड़े, रथ,हाथी के निवास के भूमि।
10.मकर राशि :- नदी का जल, वन प्रदेश।
11.कुंभ राशि :- जल, कलश, बर्तन आदि रखे जाने का स्थान।
12.मीन राशि :- नदी का जल, समुद्र का जल।
राशियों के निवास स्थान का उपयोग :- जातकगर्न्थो में राशियों केेे निवास स्थान का जो उल्लेख हुआ है,इनका फल कथन में उपयोग निम्नानुसार हैं
1. दशम भाव में स्थित राशि का या दशमेश जिस राशि में स्थित हैं, उस राशि के निवास स्थान से संबंधित जातक का कर्म हो सकता है।
2 .एकादश भाव में जो राशि स्थित है अथवा एकादशेश जिस राशि में स्थित है,उस राशि से निवास स्थान से संबंधित वस्तुओं से जातक को लाभ हो सकता है।
3.लग्न में स्थित राशि या लग्नेश अथवा चंद्रमा जिस राशि में स्थित है, उन राशियों के निवास स्थान में जातक की अभिरुचि हो सकती हैं।
4 प्रश्न कुंडली में खोई हुई वस्तुओं की जानकारी के संबंध में राशियों के निवास स्थान का उपयोग होता है।
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