Breaking

Friday 31 December 2021

राजनीति में सफलता के योग जन्मकुंडली में कब बनते हैं (When the sums of success in politics are formed in the horoscope)







राजनीति में सफलता के योग जन्मकुंडली में कब बनते हैं (When the sums of success in politics are formed in the horoscope):-आज के युवा राजनीति को प्रोफेशन के रुप में लेने लगे हैं,जिससे अब धीरे-धीरे नई पीढ़ी का राजनीति में दबदबा भी बनने लगा है। पार्टियों के लिए यूथ वोट बैंक और यूथ लीडर्स की अहमियत भी खासी हो गई है।


राजनीति के ग्रह-नक्षत्रों का ताल्लुक ज्योतिष से बहुत गहरा माना जाता है। जिसकी वजह है कि ज्यादातर राजनेता कोई भी नया काम,राजनीति में अपना प्रवेश, पार्टी टिकट के लिए आवेदन, चुनाव के पर्चा भरना इत्यादि बिना ज्योतिषी मान्यता और सलाह मशवरे के नहीं करते है।


राजनीति में ग्रहों का कार्य करने का तरीका:-


◆जब जन्मकुंडली के राज्य सत्ता के दशवें घर,दशवे घर से दशवें सातवे घर,जनता की सेवा के छठवें घर,ग्यारहवे घर या लाभ स्थान एवं नवें घर या भाग्य स्थान से नीतिकारक ग्रह राहु,सत्ता कारक ग्रह रवि,न्याय प्रिय जीव,जनता का हितेषी मन्द एवं नेतृत्व का कारक भौम से शुभ या अच्छा सम्बन्ध बनाए तथा इन घरों में नीच अथवा शत्रुक्षेत्रीय ग्रह नहीं होने पर इंसान सफल राजनीतिज्ञ बनता है।


◆दूसरे घर वाणी का कारक होने के कारण इसके सम्बन्ध से इंसान अच्छी बोली से बोलने वाला  बनता है।


◆राजनीति में राहु का प्रमुख जगह है।इसके शुभ प्रभाव से इंसान नीतियों को बनाता है और उन नीतियों को अमल या लागू करने की योग्यता रखता है। इसके अतिरिक्त जन्म,नवमांश तथा दशमांश तीनों कुंडलीयों में समान तथा अच्छे योग इंसान को राजनीति में ऊंचाइयों पर ले जाते है।


◆रवि और राहु अमात्यकारक भी होने पर इंसान को समाज में मान-सम्मान तथा उच्च पद मिलता है।


◆मेष लग्न में पहले घर में रवि,दशवें घर में भौम व मन्द होने पर तथा दूसरे घर में राहु होने पर इंसान जनता का हितेषी राजनेता बनता है। इसी प्रकार से दशवें घर का राहु इंसान को राजनीति में प्रवेश दिलाता है।


राहु के साथ भृगु भी होने पर इंसान को राजनीति में प्रखरता आती हैं।


◆मिथुन लग्न में  मन्द नवम घर में तथा रवि,बुध ग्यारहवा घर में होने से इंसान को प्रसिद्धि दिलाता है।


राहु सातवें घर में तथा रवि 4,7 या 10 वें घर में होने पर इंसान को तेज या अच्छा व्यक्तित्व तथा विरोधियों में धाक जमाने वाले राजनेता बनता है।


◆कर्क लग्न में मन्द लग्न या पहले घर में हो तो,भौम दूसरे घर में, राहु छठवें घर में तथा रवि,बुध पांचवें या ग्यारहवें घर में सोम के द्वारा देखा जाने पर इंसान को राजनीति में यश मिलता है।


◆सिंह लग्न में रवि, सोम, बुध व जीव दूसरे घर या धन भाव में होने पर, भौम छठवें घर में, राहु बारहवें घर में तथा मन्द ग्यारहवें घर में होने पर इंसान को राजनीति विरासत में मिलती है। यह योग इंसान को लंबे वक्त तक शासन करवाता है, इस दौरान उस इंसान को लोगों से प्यार मिलता है और वैभव मिलता है।


◆कन्या लग्न दशवें घर में बुध का सम्बंध रवि से होने पर राहु, जीव,मन्द लग्न में होने पर इंसान को राजनीति में रुचि को बढ़ाता है।


◆तुला लग्न की स्थिति में सोम, मन्द चौथे घर में हो तो इंसान को बोली बोलने में चतुर होता है।


रवि सातवें घर में, जीव आठवें घर में, मन्द नवमे घर में तथा भौम, बुध ग्यारहवें घर में होने पर इंसान को राजनीति में अपार सफलता मिलती है और मुख्य सलाहकार बनता है।


◆वृश्चिक लग्न में भौम बारहवें घर में जीव के द्वारा देखा जाय तो, मन्द ग्यारहवें घर में होने पर, भृगु सातवें घर में होने पर तथा रवि ग्यारहवें घर के स्वामी के साथ शुभ घर मे होने पर इंसान को प्रखर नेता बनता है।


◆धनु लग्न की स्थिति ने चौथे घर में रवि,बुध,भृगु हो तो तथा दशवें घर में कर्क राशि का भौम होने पर इंसान तकनीकी सोच के साथ राजनीति करता है।


◆मकर लग्न में राहु चौथे घर में हो तथा नीचगत बुध उच्चगत भृगु के साथ तीसरे घर में हो तो नीचभंग राजयोग से इंसान राजनीति में दक्ष तथा होशियार होता है।


◆कुम्भ लग्न की स्थिति में लग्न में रवि भृगु हो तो और दशवे घर में राहु होने पर तथा जीव की दशा में प्रबल सफलता मिलती है 


◆मीन लग्न में सोम,मन्द लग्न में हो तो, भौम ग्यारहवें तथा भृगु छठवें घर में होने पर और भृगु की दशा में राजनीतिक लाभ तथा श्रेष्ठ धन लाभ मिलता हैं।

बनाम

No comments:

Post a Comment