1.जूता :-स्लीपर या चट्टी का मतलब एक तरह की खुली जूती होता है। जो मनुष्य पी.वी.सी. चम्पल पहनते है,वे मनुष्य ज्यादा गुस्सा करने वाले, हमेशा शारीरिक श्रम करते रहने वाले जिससे उनको रुपये-पैसे से हमेशा तंगी रहती है। किसी भी काम को करने में कामचोरी करते हुए कल पर छोड़ने वाले व थोड़ा मिलने पर भी खुश होने वाले,जो कंगाल व गरीबी की स्थिति में जीवन को जीने वाले होते है। अधिकतर मनुष्य किसी भी तरह की नौकरी,ऑटो चलाने वाले व चपरासी के समान मनुष्य में गुण को अपनाते है।
2.चमड़े के सैंडल(चप्पल):-चमड़े के सैंडल का मतलब होता है कि एक तरह की चमड़े से बने हुए चप्पल होते है जिन परजिसमें एड़ी व पैर आदि को बांधने के लिए पट्टे होते है उसे चमड़े के सैंडल कहते है।
जो मनुष्य चमड़े के सैंडल को ज्यादा पहनते है,उनको शारीरिक श्रम ज्यादा करनी पड़ती है।
जो मनुष्य चमड़े के सैंडल को ज्यादा पहनते है,वे मनुष्य अपने ऊपर ज्यादा विश्वास करने वाले होते है।
जो मनुष्य चमड़े के सैंडल को ज्यादा पहनते है,वे मनुष्य किसी भी कम को जो वे नहीं कर सकते है उस काम पर ज्यादा आश्रित हो जाने वाले होते है।
जो मनुष्य चमड़े के सैंडल को ज्यादा पहनते है,वे मनुष्य अधिक मान-सम्मान वाले होते हुए भी वे दूसरों पर जल्दी विश्वास करने वाले होने से उनको विश्वास को धोखा मिलता है।
जो मनुष्य चमड़े के सैंडल को ज्यादा पहनते है,वे मनुष्य कोई भी काम में इतने मगन हो जाते है कि उनको अपने शरीर का भी ख्याल नहीं होता है।
जो मनुष्य चमड़े के सैंडल को ज्यादा पहनते है,उन मनुष्य को परिवार में मान-सम्मान नहीं मिलता है,लेकिन उनको दूसरी जगहों पर मान-सम्मान पाने वाले होते है।
जो मनुष्य चमड़े के सैंडल को ज्यादा पहनते है,यह मनुष्य अपने जीवन काल में कभी भी मायूस नहीं होने वाले होते है।
जो मनुष्य चमड़े के सैंडल को ज्यादा पहनते है,उन मनुष्य को भलाई के कामों में यश नहीं मिल पाता है।
जो मनुष्य चमड़े के सैंडल को ज्यादा पहनते है,उन मनुष्य के जीवनकाल में मुश्किलें आती रहती है और खुशी भी पाने वाले होते है और धर्म के मामलों में ज्यादा रुचि रखने वाले होते है।
3.बिना डोरी (शोक्स) का जूता(बूट):-पैर पर पहने जाने वाला एक विशिष्ट आकार का जूता जो पूरे पैर को ढँकता है उसे किसी भी डोरी से बांधने की जरुरत नहीं होती है,उसे बिना शोक्स(डोरी) वाला बूट या जूता कहते है।
जो मनुष्य बिना डोरी वाले जूता को अधिक पहनते है वे मनुष्य धर्म-कर्म के कामों में अधिक रुचि रखने वाले और धर्म-कर्म से सम्बंधित ज्यादा ज्ञान देने वाले होते है।
जो मनुष्य बिना डोरी वाले जूता को अधिक पहनते है वे मनुष्य दूसरे मनुष्य की आलोचना ज्यादा करने वाले होते है।
जो मनुष्य बिना डोरी वाले जूता को अधिक पहनते है वे मनुष्य जल तत्व की प्रमुखता वाले होने से सब तरह से मक्खीचूस होते है।
जो मनुष्य बिना डोरी वाले जूता को अधिक पहनते है वे मनुष्य जीवन भर मेहनत करते हुए रुपये-पैसो को कमाने के चक्कर मे लगे रहने वाले होते है।
जो मनुष्य बिना डोरी वाले जूता को अधिक पहनते है वे मनुष्य सीधे-साधे साधु की तरह मिजाज के होते है और बोली से मीठे बोलने वाले होते है।
जो मनुष्य बिना डोरी वाले जूता को अधिक पहनते है,इन मनुष्य को अपने परिवार-कुटुंब से अपमानित होना पड़ता है और सन्तान से दुःख मिलता है।
जो मनुष्य बिना डोरी वाले जूता को अधिक पहनते है वे मनुष्य अपने बारे में ज्यादा विचारने वाले होते है व अपने इस तरह से दिखाते है कि वे किसी भी तरह से उनको कोई जानकारी नहीं है,लेकिन सब जानने वाले होते है।
जो मनुष्य बिना डोरी वाले जूता को अधिक पहनते है वे मनुष्य ज्ञान-विज्ञान में ज्यादा लगाव रखने वाले होते है।
जो मनुष्य बिना डोरी वाले जूता को अधिक पहनते है वे मनुष्य नैतिक आचरण व व्यवहार की शिक्षा देते है,लेकिन खुद नैतिक आचरण व व्यवहार की शिक्षा से दूर रहने वाले होते है।
4.डोरी वाले जूता(बूट शोक्स):-पैर पर पहने जाने वाला एक विशिष्ट आकार का जूता जो पूरे पैर को ढँकता है उसे किसी भी डोरी से बांधने की जरुरत होती है,उसे डोरी (शोक्स) वाला बूट या जूता कहते है।
जो मनुष्य डोरी वाले जूता को अधिक पहनते है वे मनुष्य बोली में किसी को भी मात दे सकते है,वे लगातार बोली बोलने वाले व किसी दूसरे मनुष्य को अपनी बात को कहने से पूर्व उसकी बात को अपनी बोली से काटने वाले होते है।
जो मनुष्य डोरी वाले जूता को अधिक पहनते है वे मनुष्य ज्यादा पढ़ाई-लिखाई करके राजकीय सेवा में या दूसरी जगह पर नौकरी करने वाले होते है।
जो मनुष्य डोरी वाले जूता को अधिक पहनते है वे मनुष्य कोई भी छोटे से छोटे काम को करते समय अभिमान करने वाले होते है।
जो मनुष्य डोरी वाले जूता को अधिक पहनते है वे मनुष्य अधिक ऊंची पढ़ाई करके बड़े पद को प्राप्त करने वाले होते है।
जो मनुष्य डोरी वाले जूता को अधिक पहनते है वे मनुष्य कोई भी काम को करते समय यह जताते है कि अमुक काम मैने किया व उस काम को करने का अभिमान करने वाले होते है।
जो मनुष्य डोरी वाले जूता को अधिक पहनते है वे मनुष्य अपने बारे में पहले सोचने वाले होते है व अपना काम पहले निकालने वाले होते है और उनको दूसरों से कोई भी मतलब नहीं होता है।
जो मनुष्य डोरी वाले जूता को अधिक पहनते है वे मनुष्य दूसरों बात को इधर-उधर करने वाले होते है।
जो मनुष्य डोरी वाले जूता को अधिक पहनते है उन मनुष्य को सामाजिक जीवन में अपने नाम को शोहरत दिलाने व रुपये-पैसे को कमाने के अलावा कुछ नहीं दिखता है।
जो मनुष्य डोरी वाले जूता को अधिक पहनते है वे मनुष्य अपनी सन्तान से जीवनभर कष्ट सहन करने वाले होते है।
जूता, चमड़े के चप्पल,बिना डोरी के बुट और डोरी वाले बूट का महत्व:-मनुष्य जीवन काल में अपने पैरों को सुंदर दिखाने के लिए तरह की वस्तुओं को अपने पैरों में पहनता है, उनमें से जूता, चमड़े के चप्पल,बिना डोरी के बूट और डोरी वाले बूट पहनते है।इस तरह मनुष्य के द्वारा पैरों में पहने जाने वस्तुओं के आधार पर उसके बारे में जानकारी मिल सकती है,की मनुष्य का मिजाज कैसा होगा,जिससे उसके व्यवहार को जानकर मनुष्य सचेत हो जाते है।
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