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Monday 16 November 2020

राशियो का सामान्य परिचय

राशियो का सामान्य परिचय --- राशि का शाब्दिक अर्थ होता है 'ढेर' या 'संग्रह'।


अंकगणित में संख्या विशेष को 'राशि' कहते हैं। लेखाशास्त्र में मद (Item)का मुद्रात्मक मूल्य 'राशि'कहलाता है।

जयोतिष में राशि भचक्र के बारहवें भाग को राशि कहते हैं।भचक्र में राशि का विस्तार 30 अंश है। इस प्रकार 12 राशियाँ होती हैं ।

ये बारह राशियाँ निम्नलिखित हैं:

1.मेष, 2.वृषभ, 3. मिथुन, 4. कर्क, 5. सिंह, 6. कन्या, 7. तुला, 8. वृश्चिक , 9. धनु, 10. मकर, 11. कुम्भ और 12. मीन।

एक राशि का मान --- एक राशि का मान सवा दो नक्षत्र (30/13 ° 20 '= 2 1/4) या 9 नक्षत्र चरणों ( 30/3 ° 20' = 9) से मिलकर बनती है।

राशियो में नक्षत्रों का समायोजन निम्नलिखित है:

मेष राशि-- में अश्वनी के चारो, भरणी के चारों और कृतिका का एक नक्षत्र होता हैं।

वृष राशि--में कृतिका के अन्तिम तीन,रोहिणी के चार एवं मृगशिरा के दो नक्षत्र होता हैं।

मिथुन राशि--- में मृगशिरा के अन्तिम दो , आद्रा के 4 4 पुनर्वसु के चार पिक्चर नक्षत्र होताा है

 कर्क राशि --- मैं पुनर्वसु केे अंतिम अंतिम एक अंतिम 1, खुशी के चार पुष्य केज तुझसे के चार और पूछिए के उसे के चारो चरणों और अश्लेषा के चारों चरणों नक्षत्रर होता है

 सिंह राशि---में मघा नक्षत्र के चारों चरणों,पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के चारो चरणों एवं उत्राफाल्गुुुनी  नक्षत्र केे प्रथम चरण  होते है । 

कन्या राशि -- मैं उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के अंतिम तीन चरण , हस्त नक्षत्र के चारों चरणो एवं चित्रा नक्षत्र के प्रथम दो चरण होते हैं।

तुला राशि---में चित्रा नक्षत्र के  दो चरण,सवाति नक्षत्र के चार चरणों एवं विशाखा नक्षत्र के प्रथम तीन चरण होते हैं।

वृश्चिक राशि--में  विशाखा नक्षत्र के अंतिम चरण ,अनुराधा नक्षत्र केेे चारों चरण एवंं जेष्ठा नक्षत्र के चारों चरण होते हैं ।

धनु राशि---- में मूल नक्षत्र के चारों चरणों, पूर्वाषााढा  नक्षत्र के चारों चरणों एवं एवं उत्तराषाढ़ा नक्षत्र  के 
 प्रथम चरण होते हैं।

मकर राशि---में उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के  अंतिम तीन चरण, श्रवण नक्षत्र केे चारों चरणो एवं धनिष्ठा नक्षत्र के प्रथम दो चरण होते हैं।

कुंभ राशि---में धनिष्ठा नक्षत्र के अंतिम दो चरण  ,शतभिषा नक्षत्र के चारों चरणों एवं  पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के प्रथम तीन चरणों होते हैं।

मीन राशि---में पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के अंतिम चरणों ,  भाद्रपद नक्षत्र के चारों चरणों एवं रेवती नक्षत्र केेेेे चारों चरणों होते है।

राशिनक्षत्र
मेषअश्वनी (चारों चरण),भरणी (चारों चरण),कृत्तिका (प्रथम चरण)।
 वृषभकृत्तिका (अंतिम तीन चरण),रोहिणी (चारों चरण),मृगशिरा(प्रथम दो चरण)।
मिथुनमृगशिरा (अंतिम दो चरण),आर्द्रा (चारों चरण),पुनर्वसु(प्रथम तीन चरण)।
कर्क पुनर्वसु (अंतिम चरण),पुष्य (चारों चरण), अश्लेषा (चारों चरण)।
 सिंह  मघा(चारों चरण), पूर्वाफाल्गुनी (चारों चरण), उत्तराफाल्गुनी (प्रथम चरण)।
कन्या उत्तराफाल्गुनी (अंतिम तीन चरण), हस्त (चारों चरण), चित्रा (दो चरण)।
तुला चित्रा (अंतिम दो चरण), स्वाति (चारों चरण), विशाखा (प्रथम तीन चरण)।
  वृश्चिक विशाखा (अंतिम चरण), अनुराधा (चारों चरण), जेष्ठा (चारों चरण)।
धनुमूल (चारों चरण), पूर्वाषाढ़ा (चारों चरण),  उत्तराषाढ़ा (प्रथम चरण)।
मकरउत्तराषाढ़ा (अंतिम तीन चरण), श्रवण (चारों चरण), धनिष्ठा(प्रथम दो चरण)।
कुंभ धनिष्ठा (अंतिम दो चरण), शतभिषा (चारों चरण), पूर्वाभाद्रपद (प्रथम तीन चरण)।
मीनपूर्वाभाद्रपद (अंतिम चरण), उत्तराभाद्रपद (चारों ),चारों रेवती (चारों चरण)।

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