चतुर्थ भाव में राशियों का फल :-
1. मेष राशि :- यदि जन्म कुंडली के चतुर्थ भाव में यदि मेष राशि स्थित हो ,तो जातक पशुओं से, विलासिनी स्त्रियों से ,भिन्न प्रकार के भोगों से ,अनेक प्रकार के अन्न से एवं स्वयं के पराक्रम से उत्पन्न धन से सुखी होता है ।
2. वृषभ राशि :- यदि जन्म कुंडली के चतुर्थ भाव में यदि वृषभ राशि स्थित हो ,तो जातक अधिक मान सम्मान से, शौर्य पराक्रम से, राजकीय सेवा से ,ब्राह्मणों की पूजा से ,नियम एवं व्रतों से सुखी होता है।
3. मिथुन राशि :- यदि जन्म कुंडली के चतुर्थ भाव में मिथुन राशि स्थित हो ,तो जातक स्त्रियों से ,जलिय स्नान से ,वन की सेवा से, अधिक पुष्प और वस्तुओं के सेवन से सुखी होता है।
4 . कर्क राशि :- जन्म कुंडली के चतुर्थ भाव में यदि कर्क राशि स्थित हो ,तो जातक भाग्यशाली, सुशील, स्त्रियों की संगति करने वाला,गुणवान, विद्या से विनयी तथा लोगों में प्रिय होता है ।
5. सिंह राशि :- जन्म कुंडली के चतुर्थ भाव में यदि सिंह राशि स्थित हो, तो जातक क्रोध से ,अधिक गरीबी से ,और अशीलता से,बुरे लोगों की संगति से एवं धन संग्रह से सुखी होता है ।
6. कन्या राशि :- जन्म कुंडली के चतुर्थ भाव में यदि कन्या राशि स्थित हो ,तो जातक स्त्रियों की संगति से ,अधिक अन्न से, राजकीय सेवा से और धर्म के सेवन से सुखी होता है ।
7. तुला राशि :- यदि जन्म कुंडली के चतुर्थ भाव में तुला राशि स्थित हो ,तो जातक चोरी से ,झगडो से चोगलखोरी से एवं मोह से सुखी होता है।
8. वृश्चिक राशि :- जन्म कुंडली जन्म कुंडली के चतुर्थ भाव में वृश्चिक राशि स्थित हो, तो जातक अत्यंत तीखा, दूसरे से डरने वाला ,अधिक सेवा करने वाला ,पराक्रमी एवं गर्व से रहित, दूसरों से चतुर ,बुद्धि एवं धैर्य से रहित होता है
9. धनु राशि :- यदि जन्म कुंडली के चतुर्थ भाव में धनु राशि स्थित हो ,तो जातक युद्ध में रहने से ,अच्छा वक्ता होने से एवं बिना बन्धन रहने से सुखी होता है।
10. मकर राशि :- यदि जन्म कुंडली के चतुर्थ भाव में मकर राशि स्थित हो तो जातक जल सेवन से ,उद्यान , बावड़ी आदि के संयोग से, मित्रों के प्रचार एवं श्रेष्ठ संयोग से सुखी होता है ।
11. कुम्भ राशि :- यदि कुम्भ राशि जन्म कुंडली के चतुर्थ भाव में कुम्भ राशि स्थित हो, तो जातक स्त्रियों के नाम से अनेक प्रकार से, मधुर भोजनपान से ,फल,शाक और पत्तियों से ,विद्वानों के वचनों से एवं ठगी से सुखी होता है ।
12. मीन राशि :- यदि जन्म कुंडली के चतुर्थ भाव में मीन राशि स्थित हो, तो जातक जल के सेवन से ,सदैव शांति से ,मंदिरों से ,अच्छे वस्त्रों से एवं विभिन्न प्रकार के घरों से सुखी होता है।
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