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Saturday 18 December 2021

बुध कवचं स्तोत्रं अर्थ सहित एवं लाभ (Budha Kavacham stotra With Meaninng and benefits)

                       

              
       



बुध कवचं स्तोत्रं अर्थ सहित एवं लाभ (Budha Kavacham stotra With Meaninng and benefits):-बुध देव को वाणी के स्वामी एवं बुद्धि के स्वामी माना गया है। बुध मनुष्य को बुद्धिमान, विद्वान या अनेक तरह के ज्ञान का जानकर बनाते है, किसी भी कार्य को अपनी योग्यता से करने में प्रवीण बनाते है और अच्छी वाणी को बोलने वाला बनाकर अपनी वाणी से अपनी ओर खींचने के गुण को उत्पन्न करने वाले होते हैं। उच्च पद को अपनी ज्ञान शक्ति एवं चतुराई से प्राप्त करने में सहयोग देने वाले होते हैं। इस तरह व्यापार में योग्य एवं कौशलता प्रदान करने वाले होते हैं। जब बुध की कृपा होने से मनुष्य को शिक्षक, लेक्चरार, लिपिक, लेखाकार, प्रकाशक, पत्रकार, दस्तकार, दुकानदार या अच्छा व्यापारी, वक्त एवं अच्छा नेता बना देते हैं। बुध ग्रह को बालावस्था का ग्रह माना जाता है।

जब बुध देव की मनुष्य के जीवन पर अच्छी दृष्टि एवं अनुकृपा नहीं होने पर मनुष्य की बुद्धि को भष्ट कर देते है, जिससे मनुष्य को सोचने-समझने की शक्ति को कम करके मंदबुद्धि वाले के समान व्यवहार को उत्पन्न कर देते हैं। जिससे मनुष्य को भले-बुरे का ज्ञान न रहकर अपने शरीर को हानि पहुंचाने तक कि संभावना बन जाती है। इस तरह से बुध देव की कुदृष्टि होने से मनुष्य का अस्तित्व नष्ट हो जाता है। मनुष्य मन में बुरे विकारों को जन्म देता है, मन ही मन में सोचने लगता है। समस्त तरह की चिंताओं से घिरा रहता है, जिससे मनुष्य चिड़चिड़ा होकर आवेश में सही निर्णय नहीं ले पाते हैं।



अथ श्रीबुधकवचं स्त्रोतं अर्थ सहित:-मनुष्य को अपने ज्ञान के क्षेत्र में विकास करने के लिए बुधदेव की उपासना करनी चाहिए। जो मनुष्य बुधदेव की पूजा-अर्चना नहीं कर पाते है, उन मनुष्य को बुध कवच स्त्रोतं का वांचन नियमित रूप से करते रहने पर वही फल मिलता है, जो कि उनकी पूजा-अर्चना पर मिलता हैं। भगवान गणेशजी की उपासना करने से भी बहुत अच्छे फल मिलते हैं।


अस्य श्रीबुधकवचस्तोत्रमंत्रस्य कश्यप ऋषिः! 

अनुष्टुप् छंदः! बुधो देवता! बुधपीडाशमनार्थं जपे विनियोगः।

अर्थात्:-श्री बुध कवच स्तोत्रं मन्त्र की रचना श्री कश्यप ऋषिवर ने की थी और बुध देवता हैं, अनुष्टुप छंद हैं, बुध ग्रह से सम्बंधित पीड़ा को दूर करने के लिए बुध कवच स्त्रोतं के जप में विनियोग किया जाता हैं।


बुधस्तु पुस्तकधरः कुंकुमस्य समद्दुतिः।

पितांबरधरः पातु पितमाल्यानुलेपनः।।1।।


कटिं च पातु मे सौम्यः शिरोदेशं बुधस्तथा।

नेत्रे ज्ञानमयः पातु श्रोत्रे पातु निशाप्रियः।।2।।


घ्राणं गंधप्रियः पातु जिह्वां विद्याप्रदो मम।

कंठं पातु विधोः पुत्रो भुजा पुस्तकभूषणः।।3।।


वक्षः पातु वरांगश्च हृदयं रोहिणीसुतः।

नाभिं पातु सुराराध्यो मध्यं पातु खगेश्वरः।।4।।


जानुनी रौहिणेयश्च पातु जंघेSखिलप्रदः।

पादौ मे बोधनः पातु पातु सौम्योSखिलं वपु।।5।।



अथ फलश्रुति:-अथ फलश्रुति में बुध कवच स्त्रोतं के विषय फलश्रुति में इस तरह बताया है:


एतद्धि कवचं दिव्यं सर्वपापप्रणाशनम्।

सर्व रोगप्रशमनं सर्व दुःखनिवारणम्।।6।।

अर्थात्:-जब कोई भी मनुष्य बुध कवच स्त्रोतं के पाठ को करते हुए वांचन करते है, तब बुधदेव अपनी अनुकृपा करके उस मनुष्य के द्वारा समस्त किये गए बुरे पापों को नष्ट कर देते है, मनुष्य के सभी तरह की व्याधियों को भी नष्ट कर देते हैं। मनुष्य के समस्त तरह के दुःखो को नष्ट करके उसका निवारण कर देते हैं।


आयुरारोग्यधनदं पुत्रपौत्रप्रवर्धनम्।

यः पठेत् श्रुणुयाद्वापि सर्वत्र विजयी भवेत्।।7।।

अर्थात्:-बुध कवच स्त्रोतं का वांचन करने से मनुष्य को स्वास्थ्य या निरोगता की प्राप्ति होती है, जिन मनुष्य को सन्तान नहीं होती है, उनको पुत्र सन्तान की प्राप्ति होती है और पुत्र के साथ ही पौत्र सन्तान के सुख की प्राप्ति होकर वंश में बढ़ोतरी होती हैं। जो मनुष्य इस कवच को पढ़ते है, उनको समस्त जगहों पर विजय मिलती हैं।


        ।।इति श्रीब्रह्मवैवर्तपुराणे बुधकवचं संपूर्णं।।



बुध कवच स्त्रोतं के वांचन से मिलने वाले फायदे:-मनुष्य के द्वारा बुध कवच स्त्रोतं के वांचन से कई फायदे मिलते है, जो इस तरह हैं:

◆बुध कवच स्त्रोतं के वांचन से मनुष्य के समस्त तरह के कष्टों का समाधान हो जाता है।


◆मनुष्य के द्वारा किये गए गलत एवं बुरे कार्य के द्वारा पापों से मुक्ति मिल जाती हैं।


◆मनुष्य के जीवनकाल में आने वाले समस्त शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक रूपों से मिलने वाले दुःखों का अंत हो जाता है।


पुत्र सन्तान की प्राप्ति होती है और पुत्र के साथ ही पौत्र सन्तान के सुख की प्राप्ति होकर वंश में बढ़ोतरी होती हैं।


◆मनुष्य को अपने जीवनकाल सभी जगह पर विजय मिलती हैं।


◆बुध कवच के वांचन से मनुष्य को सुख-समृद्धि एवं धन संपत्ति की प्राप्ति होती हैं।


◆मनुष्य के द्वारा बुध कवच स्त्रोतं का वांचन करने से शरीर स्वस्थ रहता है और किसी भी तरह की पुरानी बीमारियों से मुक्ति मिल जाती है और जीवनकाल में किसी भी तरह की व्याधियों का सामना नहीं करना पड़ता है।


◆मनुष्य को बुधदेव के द्वारा समस्त तरह के ऐश्वर्य, सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है, जिससे मनुष्य अपने जीवन को शान-शौकत से जीते है।


◆मनुष्य के प्रत्येक कार्य के बनने से एवं शत्रुओं के डर से मुक्ति मिल जाती हैं।


◆मनुष्य की उम्र में बढ़ोतरी हो जाती है और युवावस्था की तरह ही दिखाई पड़ते है।


◆मनुष्य को अपने कार्य को सिद्ध करने के लिए अनुचित माध्यम को नहीं अपनाना चाहिए। जब कोई भी मनुष्य किसी दूसरे मनुष्य को हानि करने के उद्देश्य से किसी भी कवच का वांचन करता है, तब ईश्वर उस मनुष्य को कवच या मन्त्र से मिलने वाले फायदे से वंचित कर देते हैं।


◆बुध बुद्धि एवं अपनी योग्यता को देने के कारक माने गए है, इसलिए मनुष्य को अच्छे कर्म करने के लिए अपने विवेक से सोचना चाहिए, जिससे मनुष्य का उद्देश्य पूर्ण हो सके।

 


 



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