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Saturday 1 January 2022

अम्बे माता की आरती(Ambe Mata ki Aarti)

                     




अम्बे माता की आरती(Ambe Mata ki Aarti):-अम्बे माता जो जगत की माता हैं, जिनका स्वरूप समस्त लोको में फैला हुआ, जो समस्त तीनों लोकों में समस्त देवओं की एवं समस्त जीवों की रक्षा करती है, उनका लालन-पालन करती रहती है, उनके गुणों का आख्यान करने से समस्त मनुष्य का उद्धार हो जाता है, इस पृथ्वी लोक में आने व जाने के बंधन से मुक्त हो जाते है, इसलिए माता के स्वरूप को आरती करते हुए उनके गुणों का बखान हमेशा आरती के रूप में करते रहना चाहिए। जो समस्त तरह के सुखों को देने वाली एवं समस्त रोगों से मुक्ति देने वाली होती है। जो अत्याचार करने वालो से रक्षा करती है।



      ।।अथ श्री अम्बे माता की आरती।।


अम्बे तू है जगदम्बे काली जय दुर्गे खप्पर वाली,

तेरे ही गुण गाएं भारती।

ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती।



माता तेरे भक्त जनों पे भीड़ पड़ी है भारी।

दानव दल पर टूट पड़ो माँ करके सिंह सवारी।

ओ मैया हम सब उतारेंते री आरती।



सौ-सौ सिंहों से बलशाली अष्ट-दश भुजाओं वाली। 

दुष्टो को तू ही संहारती। 

दुखियों के दुःख को निवारती।

ओ मैया हम सब उतारेंते री आरती।



मां बेटे का इस जग में है बड़ा ही निर्मल नाता।

पूत कपूत सुने हैं पर ना माता सुनी कुमाता।

ओ मैया हम सब उतारेंते री आरती।



सब पे करुणा दरसाने वाली अमृत बरसाने वाली।

दुखियों के दुखड़े को निवारती।

ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती।



नहीं मांगते धन और दौलत न चांदी न सोना।

हम तो मांगते तेरे मन का एक छोटा सा कोना।

ओ मैया हम सब उतारेंते री आरती।



सबकी बिगड़ी बनाने वाली लाज बचाने वाली,

सतियों के सत को संवारती।

ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती।


।।इति आरती श्री अम्बे माता जी की।।

।।जय बोलो अम्बे माता की जय।।

।।जय बोलो दैत्यों के संहारिका की जय हो।।





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