श्री खाटू श्याम जी की आरती(Aarti of Shri Khatu Shyam ji):-भगवान श्रीकृष्णजी का एक नाम श्रीश्यामजी है, उस नाम की पूजा श्री खाटू श्यामजी के रूप की जाती है, जो कि उनके नाम लेने से ही सभी तरह के दुःख दूर हो जाते है, जो भक्त उनके नाम की आरती को वांचन करता है उसको सभी तरह की मुश्किलें दूर हो जाती हैं। इसलिए उनकी आरती श्रीकृष्णजी के रूप में करना चाहिए
।।अथ आरती श्री खाटू श्याम जी की।।
ऊँ जय श्रीश्याम हरे, प्रभु जय श्रीश्याम हरे।
निज भक्तन के तुमने पूरण काम करे।।
गल पुष्पों की माला, सिर पर मुकुट धरे।
पीत बसन पीताम्बर, कुण्डल कर्ण पड़े।।
ऊँ जय श्रीश्याम हरे, प्रभु जय श्रीश्याम हरे।
निज भक्तन के तुमने पूरण काम करे।।
रत्नसिंहासन राजत, सेवक भक्त खड़े।
खेवत धूप अग्नि पर, दीपक ज्योति जरे।।
ऊँ जय श्रीश्याम हरे, प्रभु जय श्रीश्याम हरे।
निज भक्तन के तुमने पूरण काम करे।।
मोदक खीर चूरमा, सुवर्ण थाल भरे।
सेवक भोग लगावत, सिर पर चंवर ढुरे।।
ऊँ जय श्रीश्याम हरे, प्रभु जय श्रीश्याम हरे।
निज भक्तन के तुमने पूरण काम करे।।
झांझ, नगारा और घड़ियाल, शंक मृदंग घुरे।
भक्त आरती गावें, जय जयकार करे।।
ऊँ जय श्रीश्याम हरे, प्रभु जय श्रीश्याम हरे।
निज भक्तन के तुमने पूरण काम करे।।
जो ध्यावे फल पावे सब दुःख से उबरे।
सेवक जब निज मुख से, श्रीश्याम श्याम उचरे।।
ऊँ जय श्रीश्याम हरे, प्रभु जय श्रीश्याम हरे।
निज भक्तन के तुमने पूरण काम करे।।
श्रीश्याम बिहारीजी की आरती, जो कोई नर गावे।
गावत दाससुनील, मन वान्छित फल पावे।।
ऊँ जय श्रीश्याम हरे, प्रभु जय श्रीश्याम हरे।
निज भक्तन के तुमने पूरण काम करे।।
।।इति आरती श्री खाटू श्याम जी की।।
।।जय बोलो खाटू श्याम जी की जय हो।।
।।जय बोलो मनोहर जी की जय हो।।
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